गहलोत के आवास पर कैबिनेट की बैठक शुरू, कांग्रेस पर बरसीं मायावती

जयपुर

राजस्थान में जारी सियासी संकट का आज 19वां दिन है। दूसरी तरफ, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में आज उनके आवास पर कैबिनेट की बैठक शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि इस बैठक में विधानसभा सत्र आयोजन को लेकर चर्चा हो सकती है।

दूसरी तरफ, अशोक गहलोत सरकार की तैयारी है कि वह राज्यपाल कलराज मिश्र के सवालों का जवाब तैयार कर तीसरी बार अर्जी दायर करे। गौरतलब है कि, इससे पहले राज्य सरकार की मांग को दो बार राज्यपाल द्वारा खारिज कर दिया गया था। इसके बाद राज्यपाल मिश्र ने कहा कि वह सत्र बुलाने को तैयार हैं, लेकिन सरकार को 21 दिन का नोटिस देने की शर्त माननी पड़ेगी। साथ ही राज्यपाल ने सरकार से 2 सवाल भी किए।
राज्यपाल मिश्र का पहला सवाल है कि क्या आप विश्वास मत प्रस्ताव चाहते हैं? यदि किसी भी हालात में सरकार विश्वास मत हासिल करने के लिए कार्यवाही करना चाहती है तो यह संसदीय कार्य विभाग के प्रमुख सचिव की मौजूदगी में हो और वीडियो रिकॉर्डिंग करवाई जाए। साथ ही इसका लाइव टेलीकास्ट भी होना चाहिए।

दूसरा सवाल यह है कि यह भी साफ किया जाए कि विधानसभा का सत्र बुलाया जाता है तो सामाजिक दूरी का ख्याल कैसे रखा जाएगा? क्या सरकार के पास ऐसी व्यवस्था है कि वह 200 सदस्य और 1000 से ज्यादा अधिकारियों-कर्मचारियों को इतनी भीड़ में संक्रमण के खतरे से बचा पाए? यदि किसी को संक्रमण हुआ तो उसे फैलने से कैसे रोका जाएगा?

गहलोत ने प्रधानमंत्री से राज्यपाल के व्यवहार को लेकर बातचीत की
वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि उन्होंने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राज्यपाल कलराज मिश्र के व्यवहार को लेकर बातचीत की। उन्होंने बताया कि उन्होंने सात दिन पहले लिखे पत्र को लेकर भी मोदी से बात की। राज्यपाल ने गहलोत सरकार से विधानसभा का सत्र बुलाने को लेकर दिए प्रस्ताव पर स्पष्टीकरण मांगा है। दूसरी ओर राजस्थान उच्च न्यायालय ने भाजपा विधायक की याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका में बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय को चुनौती दी गई थी।

कांग्रेस पार्टी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे: मायावती
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने कहा कि बसपा पहले भी अदालत जा सकती थी लेकिन हम कांग्रेस पार्टी और सीएम अशोक गहलोत को सबक सिखाने के लिए समय की तलाश कर रहे थे। अब हमने कोर्ट जाने का फैसला किया है। हम इस मामले को अकेले नहीं होने देंगे। हम सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे।

उन्होंने कहा कि राजस्थान विधानसभा चुनावों के बाद बीएसपी के छह विधायकों ने बिना शर्त उन्हें समर्थन दिया। दुर्भाग्य से, सीएम गहलोत अपने दुर्भावनापूर्ण इरादे से और बसपा को नुकसान पहुंचाने के लिए विधायकों को कांग्रेस के साथ असंवैधानिक रूप से मिला दिया। अपने अंतिम कार्यकाल में भी उन्होंने ऐसा ही किया था।

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